BED VS BTC SUPREME COURT ORDER: बीएड और बीटीसी विवाद मामले पर आर्डर, कौन जीती बड़ी खबर
BED VS BTC UPDATE: B.ed और बीटीसी विवाद मामले को लेकर काफी बड़ी अपडेट एक बार फिर से आ चुकी है| जैसे कि लगातार 10 जनवरी 11 जनवरी और 12 जनवरी को सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई थी| लेकिन फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था| अब सुप्रीम कोर्ट से बीएड और बीटीसी के आर्डर को लेकर बड़ी अपडेट व बड़े बदलाव को लेकर अपडेट है | इस बार सुप्रीम कोर्ट का जो ऑर्डर होगा उसमें काफी बड़ा बदलाव भी देखने को मिलने वाला है| क्या बदलाव होगा वह जानने के लिए पूरी पोस्ट विस्तार से पढ़ें|
BED VS BTC UPDATE ( B.Ed ऑफ बीटीसी अपडेट को लेकर क्या है नया व् ताजा अपडेट )
B.Ed ऑफ बीटीसी मामले को लेकर काफी बड़ी और महत्वपूर्ण अपडेट आ चुकी है| जैसे कि राजस्थान हाईकोर्ट में B.ed और बीटीसी विवाद का मामला चल रहा था तो राजस्थान हाई कोर्ट की तरफ से बीएड को बाहर कर दिया गया था| लेकिन वही मामला सुप्रीम कोर्ट में जब जा पहुंचा तो उसकी अंतिम तौर पर सुनवाई भी हो चुकी है | और फैसले को सुरक्षित भी रख लिया गया| अभ्यार्थियों के मन में एक बड़ा सवाल है कि यह सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर किस तारीख को जारी किया जाएगा और क्या बदलाव होने वाला है ऑर्डर में!
BED AND BTC SUPREME COURT ORDER ( B.Ed ऑफ बीटीसी पर सुप्रीम कोर्ट का आर्डर कब आएगा)
बीएड और बीटीसी विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर किया कर बात करें तो 10 फरवरी तक में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर जारी किया जा सकता है| जिसमें यह क्लियर हो जाएगा कि बीएड अभ्यर्थी प्राथमिक लेवल में सम्मिलित होंगे या फिर नहीं सम्मिलित होंगे! बीएड को अगर प्राथमिक लेवल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप सम्मिलित कर लिया जाता है तो हर एक राज्य में फिर बीएड प्राथमिक में शामिल हो जाएगा| लेकिन यहां सारी स्थितियां तक क्लियर होंगे जब सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आएगा|
BED VS BTC VIVAD FAISLA ( B.Ed बीटीसी विवाद पर क्या बदलाव होने जा रहा है)
जैसे कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अभी हाल ही में ऐलान किया है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आप फैसले होंगे वह इंग्लिश और हिंदी सहित को क्षेत्रीय भाषा में भी फैसले जारी होंगे| तो ऐसे में जो सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आएगा B.Ed और बीटीसी विवाद मामले में वह इंग्लिश के साथ साथ हिंदी में फैसला आएगा| बता दे लोगों के क्षेत्रीय भाषा होने के वजह से लोग अंग्रेजी कम समझ पाते हैं ऐसे में जब उनके क्षेत्रीय भाषा में फैसला होगा तो वह लोग पढ़ेंगे तो उनको वह फैसला आसानी से समझ आएगा|